भारत के पूर्व PM डॉ मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर 2024 को निधन हो गया। देश उनको खोने से से बहुत दुखी हैं।
भारत में राजकीय शोक की प्रक्रिया एक सम्मानजनक और संवेदनशील तरीके से उन व्यक्तियों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए महत्व रखती है,
जिन्होंने देश की सेवा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। जब किसी पूर्व प्रधानमंत्री या उच्च स्तर के सरकारी अधिकारी का निधन होता है, तो उस स्थिति में सरकार की ओर से औपचारिक निर्णय लिए जाते हैं।
यह निर्णय तात्कालिक स्तर पर होते हैं और शोक की अवधि को स्पष्ट करते हैं।राजकीय शोक की अवधि सामान्यत: एक से तीन दिन होती है, जिसके दौरान सभी सरकारी कार्यों को स्थगित किया जाता है।
इस समय अवधि के दौरान, नागरिकों, समाज के सभी वर्गों, संगठनों और राजनीतिक दलों से शोक संवेदनाएँ और श्रद्धांजलियाँ अर्पित की जाती हैं।
इसके साथ ही, सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहता है, जो शोक और सम्मान का प्रतीक होता है।राजकीय शोक की प्रक्रिया के अंतर्गत विशेष शोक सभाएँ आयोजित की जाती हैं,
जहाँ लोगों को एकत्रित होकर दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि देने का अवसर मिलता है। इसके अलावा, शोक के दौरान प्रसारित होने वाले मीडिया की सामग्री में भी संवेदनशीलता का ध्यान रखा जाता है।
समाचार चैनलों एवं पत्र-पत्रिकाओं में शोक एवं श्रद्धांजलि से संबंधित कार्यक्रमों की विशेष कवरेज की जाती है।इस प्रकार, भारत में राजकीय शोक की प्रक्रिया एक गहरा अर्थ रखती है
जिसमें केवल सरकारी प्रोटोकॉल और ,समाज के सामूहिक संवेदनाओं को भी सम्मानित किया जाता है। यह प्रक्रिया हर उस व्यक्ति के प्रति आदर प्रकट करती है, जिन्होंने देश के लिए अपने जीवन में महत्वपूर्ण कार्य किए।